दोस्तों आज हम जानने वाले हैं जल प्रदूषण पर निबंध हिंदी में अर्थात essay on water pollution in Hindi language। जल प्रदूषण निबंध बहुत ही नॉर्मल विषय है स्कूल में निबंध लिखने के लिए देना। इस विषय पर हमारे अध्यापक हमें अक्सर निबंध लिखने को दे देते हैं तो इसीलिए आज हम जानेंगे और मैं आपको लिखकर दूंगा जल प्रदूषण पर निबंध हिंदी में।
तो चलिए शुरू करते हैं जल प्रदूषण पर निबंध
Table of Contents
जल प्रदूषण पर निबंध हिंदी में | essay on water pollution in Hindi language in 100 300 and 500 words
100 शब्दों में जल प्रदूषण पर निबंध | essay on water pollution in Hindi language in 100 words
हमें यह भी है कि हमारे पृथ्वी पर 75% अर्थात पृथ्वी के एक तिहाई भाग में जल भरा हुआ है और सिर्फ एक भाग में ही पृथ्वी का थल है। सभी प्राणियों और जीव-जंतुओं को जल की आवश्यकता होती है जीवित रहने के लिए। जल प्रदूषण कारखानों से निकलने वाले गंदे पदार्थ और गंदा जल जब हमारे नदियों और समुद्र के जल में मिलता है तब वह उसे भी प्रदूषित कर देता है।
जल प्रदूषण के कारण कई प्रकार की बीमारियां होती है जैसे डेंगू मलेरिया हैजा इत्यादि प्रकार की बीमारियां हमें जल प्रदूषण के कारण हो सकती है। जल प्रदूषित होगा तब उसमें मच्छर और मुखिया उत्पन्न होगी जिसके काटने से डेंगू मलेरिया जैसी बीमारी हो सकती है। शहर में जल प्रदूषण काफी तेजी के साथ वृद्धि कर रहा है क्योंकि अधिक कारखाने शहरी क्षेत्रों में ही है इसलिए वहां के जल प्रदूषित हो रहे हैं।
300 शब्दों में जल प्रदूषण पर निबंध | essay on water pollution in Hindi language in in 300 words
हमारे पृथ्वी पर जल प्रदूषण बहुत ही तेजी के साथ बढ़ रहा है क्योंकि वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी और फैक्ट्रियां बहुत ही तेजी के साथ बनाई जा रही है जिसकी वजह से फैक्ट्रियों में निकलने वाले गंदे केमिकल विषैले पानी इत्यादि नदियों और समुद्रों में मिलने की वजह से जल प्रदूषण में वृद्धि हो रही है।
ना केवल समुद्र और नदियों में जल प्रदूषण फैल रहा है बल्कि तालाबों जहां पर वर्षा का पानी एकत्रित होता है वहां पर भी जल प्रदूषण फैल रहा है जब हम तालाब में कपड़े गाय धोते हैं, भैंस नहलाते हैं उससे भी जल प्रदूषित हो रहा है।

जल प्रदूषण से कई सारी बीमारियां होती है क्योंकि प्रदूषित जल में मच्छर और मक्खियां पनपते हैं जिसकी वजह से लोगों में बीमारियां फैलती हैं। मच्छरों के काटने से हमें डेंगू मलेरिया जैसी घातक बीमारी हो सकती है और मक्खियां यदि गंदे पदार्थ पर बैठकर फिर हमारे भोजन पर बैठ जाए तो उससे भी हमें बीमारी हो सकती है।
गांव के क्षेत्रों में जल बहुत ही कम मात्र में प्रदूषित होता है क्योंकि वहां पर फैक्ट्रियां उतनी अधिक नहीं है जितना शहरी क्षेत्रों में है।जल प्रदूषित होने की वजह से कई स्थानों पर जल पीने योग्य नहीं रहता जिसकी वजह से वहां के निवासियों को बहुत समस्या उत्पन्न होती है। हम चाहे तो जल प्रदूषण को रोक सकते हैं अर्थात जल प्रदूषित होने से बचा सकते हैं।
यदि हम फैक्ट्रियों और कंपनियों को दूषित जल और केमिकल युक्त पदार्थ को नदी एवं समुद्र में फेंकने से प्रतिबंध लगाए तो जल प्रदूषित होने से काफी हद तक बचा सकते हैं। नदियों तालाबों में कपड़े धोने पर भी प्रतिबंध लगाएं आसपास कचरा फेंकने पर भी अगर प्रबंध लगाया जाए तो जल प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है।
500 शब्दों में जल प्रदूषण पर निबंध | essay on water pollution in Hindi language in 500 words
जल प्रदूषण एक बहुत ही गंभीर समस्या है इसकी वजह से कई जानवरों और इंसानों की भी मृत्यु हो सकती है। जल प्रदूषण से हमें कई सारी घातक बीमारियां हो सकती है क्योंकि प्रदूषित जल में मच्छर पनपते हैं जिनके काटने से डेंगू और मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी इंसानों को हो सकती है।
जल प्रदूषण शहरी क्षेत्रों में अत्यधिक बढ़ रहा है क्योंकि शहरी इलाकों में कंपनियां और फैक्ट्रियां अत्यधिक है। फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल और विषैले पदार्थ जब नदियों और समुद्र के पानी में मिलते हैं तब उनसे नदियों का पानी भी दूषित हो जाता है प्रदूषित हो जाता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में जल प्रदूषण इतना अधिक नहीं होता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में भी जल प्रदूषण होता है क्योंकि गांव के लोग उनके आसपास के तालाबों में कपड़े धोने गाय भैंस नहलाने शौच करने इत्यादि के लिए तालाबों के किनारे और तालाबों के पानी का इस्तेमाल किया करते हैं जिसकी वजह से वह पानी प्रदूषित हो जाता है।
सभी जीव जंतुओं और प्राणियों के लिए जल बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि जल है तो जीवन है। जल के बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते ना खाना बन सकता है ना हम प्यासे होने पर पानी पी सकते हैं और ना ही अपने शरीर को धो सकते हैं। इसलिए जल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए हमें कई कदम उठाने होंगे अन्यथा इसी तरह जल प्रदूषित होता रहेगा तो 1 दिन हमें पीने के लिए भी शुद्ध जल नहीं मिलेगा।
जल प्रदूषण की वजह से हमारे पर्यावरण को बहुत ही ज्यादा छत पहुंच रही है क्योंकि जब प्रदूषित जल वाष्प बनकर वायुमंडल में मिलेगा तब उससे air pollution भी होने लगेगा जिसकी वजह से हमारे पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं को काफी समस्या उत्पन्न होगी।
यदि हम चाहे तो जल प्रदूषण होने से रोक सकते हैं क्योंकि वह हम ही इंसान है जो जल को प्रदूषित कर रहे हैं और अगर हम ना चाहे तो जल प्रदूषित नहीं होगा। यदि हम फैक्टरी से निकलने वाले केमिकल और विषैले पदार्थों को नदी नालों में फेंकने से प्रबंध लगाएं तो काफी हद तक हम जल प्रदूषित होने से बचा सकते हैं। यद्यपि हम नदियों और तालाबों में कपड़े ना धोए और गाय-भैंसों को ना नहलाये तो इससे भी हम नदियों और तालाबों के जल को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं।
यदि हम अनजाने में प्रदूषित जल पी ले तो उसमें मौजूद केमिकल और विषैले पदार्थ हमारे शरीर के अंदर प्रवेश कर जाएंगे जिसकी वजह से हमारे शरीर को बहुत ही अधिक नुकसान होगा या हमारा जीवन भी खतरे में पड़ सकता है।
नदियों में सबसे अधिक हमारी सांस्कृतिक गंगा नदी का जल प्रदूषित है क्योंकि वहां पर आने वाले सभी भक्तगण सुबह उठकर उसमें स्नान करते हैं और कई तरह के फूल हार इत्यादि जल में विसर्जित करते हैं जिसकी वजह से भारतीय गंगा नदी का जल प्रदूषित होता जा रहा है।
यदि हमें अपने जीवन को बचाना है तो हमें जल प्रदूषित होने से बचाना होगा तभी हमारा जीवन बचेगा क्योंकि जल है तो जीवन है यदि जल ही साफ नहीं रहेगा तो हमें कई प्रकार के बीमारियां और रोग पकड़ लेंगे इसलिए पानी को स्वच्छ रखना हमारी जिम्मेदारी है।
निष्कर्ष
जल प्रदूषण से हमें कई सारी बीमारियां होती है हमें पीने योग्य शुद्ध जल प्राप्त नहीं हो पाता है इसलिए हमें नदियों और समुद्र के जल को शुद्ध रखने के लिए कदम उठाने चाहिए ताकि नदियों और तालाबों का पानी शुद्ध रहे ताकि हमें बीमारियां ना हो।
दोस्तों अभी हमने आपको जल प्रदूषण पर निबंध हिंदी में अर्थात essay on water pollution in Hindi language मैं बताया और लिख कर दिया। यदि आपको इसमें कोई सवाल है तो आप बेझिझक कमेंट कर सकते हैं यदि आप चाहते हैं किसी और भी विषय पर निबंध तो वह भी कमेंट करके बता सकते हैं।
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